“जहाँ पत्थरों से टकराकर बहता है सपना,
वहीं से जन्म लेती हैं वो कहानियाँ जो दिल की गहराइयों तक उतरती हैं…”
ग्वालियर—एक ऐतिहासिक नगरी, जहां महलों की गूंज अब भी हवा में तैरती है। पर क्या आप जानते हैं, इस किलेनुमा शहर के करीब, कुछ अनकहे झरने हैं, जो सिर्फ पानी नहीं बहाते, वे आत्मा को भी छूते हैं।
आज हम आपको लेकर चलेंगे एक ऐसे सफर पर, जहां सुल्तानगढ़ (Sultangarh), भदावना (Bhadawana), और बदहौना (Badhauna) जैसे झरनों की फुहारें नज़्म सी लगती हैं।

सुल्तानगढ़ झरना – ग्वालियर का छिपा हुआ स्वर्ग
Sultangarh Waterfall Gwalior के नाम से अब धीरे-धीरे पहचाना जाने वाला यह झरना ग्वालियर से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
अगर आप Gwalior to Sultangarh Waterfall distance या Sultangarh waterfall distance from Gwalior सर्च करें, तो आपको यही मिलेगा: एक नज़दीक लेकिन अविस्मरणीय अनुभव।
मॉनसून के समय जब पहाड़ों पर बारिश की बूँदें गिरती हैं, तब सुल्तानगढ़ जैसे ज़र्रे भी सितारे बन जाते हैं। यह झरना भितरवार के पास स्थित है और यहाँ का वातावरण सुकून देने वाला होता है।
घने जंगलों के बीच गिरती इस जलधारा की आवाज़ किसी शास्त्रीय राग की तरह मन को मोहित कर देती है।
यहाँ की विशेषता है – नीला आसमान, हरा जंगल, और सफेद झरना।
भदावना झरना – जिंसीखान के पास बसी एक कविता
अब बात करते हैं उस झरने की जो अभी तक सर्च इंजनों की नजरों से छुपा हुआ है, लेकिन स्थानीय लोगों की आत्मा में बसा है – Bhadawana Waterfall या Bhadawna Waterfall Gwalior।
यह झरना जिंसीखान (Jinsikhan), ग्वालियर, मध्य प्रदेश के पास स्थित है।
गूगल मैप्स पर “Bhadawana Waterfall Jinsikhan Gwalior Madhya Pradesh” टाइप कीजिए और खुद देखिए – एक सपना जैसा दृश्य।
यहाँ की चट्टानें और बहती जलधाराएं किसी लोककथा का हिस्सा लगती हैं।
यह जगह उन लोगों के लिए है जो शांति की तलाश में हैं, भीड़ से दूर, प्रकृति के बीच।
ग्वालियर से इन झरनों तक कैसे पहुंचे?
यदि आप Waterfalls in Gwalior, Waterfall near Gwalior, या Waterfall in Gwalior खोज रहे हैं तो जान लीजिए – ये झरने आपकी यात्रा को अमूल्य बना देंगे।
ग्वालियर से दूरी:
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Sultangarh Waterfall: लगभग 50-55 किलोमीटर
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Bhadawana/Bhadawna: 40-45 किलोमीटर (जिंसीखान के पास)
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कैसे पहुंचे?
🚗 सड़क मार्ग: अपनी गाड़ी से जाएं तो अनुभव और भी सुहाना हो जाएगा।
🛵 बाइक राइडिंग: युवाओं के लिए एक रोमांचकारी एडवेंचर।
क्या करें, क्या न करें?
✅ करें
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पानी के पास बैठकर ध्यान करें
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फोटो ज़रूर लें लेकिन शोर न करें
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झरने के बहाव में जाने से बचें
❌ न करें
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प्लास्टिक का उपयोग
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कूड़ा फेंकना
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ऊँची चट्टानों से कूदना
ग्वालियर के झरने – शब्दों में नहीं, एहसासों में बसते हैं
हर कोई गोवा, मनाली या कश्मीर की बात करता है, लेकिन जो बात इन छिपे हुए झरनों में है, वो कहीं नहीं।
यहाँ कोई टिकट नहीं, कोई भीड़ नहीं, बस प्रकृति का प्रेमपत्र है, जो हर दिल के नाम लिखा गया है।
“अगर आपने ग्वालियर देखा है लेकिन सुल्तानगढ़, भदावना और बधौना नहीं देखे –
तो समझिए आपने इसका सबसे सुंदर अध्याय ही छोड़ दिया…”
💖 समापन
इन झरनों की हर फुहार आपके मन के भीतर एक नर्म कविता की तरह गूंज उठेगी।
सुल्तानगढ़, भदावना/भदावना, बदहौना – ये नाम सिर्फ जगहें नहीं, ये दिल के राग हैं।
चाहे आप सड़क पर मिट्टी से लौटते हों, या वाटरफॉल की ठंडी बूँदों में खुद को पाते हों, ये यात्रा आपके भीतर एक अलग एहसास जगाएगी।